वकील कुमार यादव
वकील कुमार यादव एक आधुनिक, युवा और उभरते भारतीय लेखक, उपन्यासकार, लघु कथा लेखक, निबंधक लेखक ,शिक्षाविद, दार्शनिक, कवि और प्रेरक हैं।[१] वे अपनी कलम से जाने जाते है। आसान से आसान शब्दों में बुक्स लिखते हैं फलस्वरुप पाठकों के बीच लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं ।अभी तक इन्होंने 12 पुस्तकें लिखी हैं जो आमज़ॉन पे उपलब्ध है। पाठक आमज़ॉन.इन से डाउनलोड करके पढ़ सकते है। वर्तमान में अभी शोध(रिसर्च ) कर रहे हैं ।छात्र छात्राओं की सुविधा और सफलता को मध्य नजर रखते हुए ऑथेंटिक बुक्स लिखते हैं ,जिससे कई छोटी से लेकर बड़ी बड़ी परीक्षाओं में सीधे क्वेश्चन टच कर जाते हैं[२][३]
उनके द्वारा लिखी गयी किताबें-[सम्पादन]
- RRB GROUP D GK/GS: A COMPLETE GK/GS SOLUTION FOR SURE SUCCESS
- HOW TO PREPARE UP PCS
- R.P.F/R.P.S.F POPULAR GUIDE : रेलवे सुरक्षा बल (Hindi Edition)
- ANSWER WRITING SKILL: FOR SCORING MORE IN ACADEMIC EXAMINATIONS
- MODERN QUOTATIONS: INSPIRATIONAL THOUGHTS FOR BUILDING THE LIFE[४]
- किसी भी परीक्षा मे सफलता कैसे पायें ? (Hindi Edition)
- A collection of Short Stories, कहानी-संग्रह (Hindi Edition )[५]
- Royal English Grammar[६]
- Waiting For Smile ( novel)[७]
- लड़की पटाये और गर्लफ्रेंड बनाये कैसे?
- डायमंड सामान्य अध्ययन[८]
- Helpless Mother[९]
- वकु-नीति
- How to Write Synopsis, Thesis & Dissertation
- Diamond English Grammar
- बेडरानी
- टू सोल्स ऑफ दी सिटी
- Popular Spoken Words Kit पॉपुलर स्पॉकेन किट
- Short Essays for Children शॉर्ट एसाय फार चिल्ड्रेन
- वकु-शब्द (हिंदी कविताओं का संग्रह )
- वकु-वर्ड (अंग्रेजी कविताओं का संग्रह )
- झुकी पलकें\
- Bihar Judiciary syllabus
- Bihar sub-inspector syllabus
- SSC CGL Syllabus
- Railway NTPC Syllabus
- IBPS SYLLABUS
- द प्रिंस THE PRINCE
वकील कुमार यादव का विवरण[सम्पादन]
वकील कुमार यादव का जन्म 5 जनवरी 1994 को सिवान जिले के लोहगाँजार ग्राम में हुआ था। उन्होंने सिवान में आदर्श पब्लिक स्कूल लोहगाँजार में अपनी प्राथमिक स्कूली शिक्षा पूरी की। उनकी मध्य स्कूली शिक्षा राजकीय मध्य विद्यालय लोहगाँजार मे की गई । उन्होंने राजेंद्र सिंह हाई स्कूल लोहगाँजार से मैट्रिक की। मैट्रिक में वे अपने हाईस्कूल में शीर्ष स्थान पर रहे और अपने मझवालीय पंचायतं में नाम और प्रसिद्धि प्राप्त की। उन्होंने विज्ञान में डीएवी पीजी कॉलेज सिवान से इंटर किये । उन्होंने ए.एन. कॉलेज पटना से अंग्रेजी साहित्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।इसी महाविद्यालय से उन्होने अँग्रेजी साहित्य मे स्नातकौतर भी की । उनके पिता श्री चंद्रमा यादव एक प्रसिद्ध किसान हैं और उनकी मां श्रीमती सुरतिया देवी गृहिणी हैं। उनके तीन भाई श्री परमानंद यादव, श्री अंबिका यादव और श्री संतोष यादव हैं। सभी भाई शिक्षित हैं और निजी क्षेत्रों में नौकरी में हैं। उसका पूरा परिवार एक साथ रहता है।[१०]
पुरस्कार[सम्पादन]
उन्होंने विभिन्न अवसरों पर कई पुरस्कार और नकद राशि पुरस्कार के रुप मे प्राप्त किए हैं। उन्हें बर्दाहा, सिवान में आयोजित एक खुली प्रतियोगिता में पहला पुरस्कार मिला। उन्होंने वर्ष 2008 में गणित दौड़ और भाषण प्रतियोगिता में भाग लेन और विजयी होने पे दो प्रथम पुरस्कार पुरस्कार प्राप्त किए। उन्हें जिला स्तर पर बिहार सरकार द्वारा आयोजित एक और प्रतियोगिता में फिर से पुरस्कार मिला जहां 270 छात्र विभिन्न माध्यमिक विद्यालयों में भाग ले रहे थे। इस खुले प्रतिस्पर्धा में उन्होंने फिर से अपने नाम के साथ पहला पुरस्कार सुरक्षित किये । इससे स्कूल के शिक्षक , रिश्तेदारों और पूरे पंचायतों को बहुत खुशी हुयी । वे अपने पंचायतों के नागरिकों के बीच बात करने का विषय बन गये । दसवीं कक्षा में वे शीर्ष स्थान पर रहे और गणित और विज्ञान विषयों में अभिनव विचारों के लिए नई दिल्ली में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभागों द्वारा 2010 में चेक के माध्यम से 5000 रुपये मिले। यह दूसरी अवसर था जब उन्हें स्थानीय हिंदी मीडिया दैनिक जागरण द्वारा कवर और साक्षात्कार किया गया था।[११]
राजनीतिक स्थिति[सम्पादन]
स्नातक स्तर की पढ़ाई और स्नातकोत्तर के दौरान उन्होंने छात्र राजनीति में भी कार्य किया है। उन्होंने फरवरी 2013 में चुनाव लड़ा। उसके बाद उन्हें कॉलेज प्रमुख के रूप में चुना गया। उन्होंने छात्रों के पक्ष में कई काम किए हैं। उन्होंने विश्वविद्यालयों में अनियमितताओं के खिलाफ भी विरोध किया है। वे एक ऐसा व्यक्ति है जो ज़रूरतमंद, समाज के गरीब से गरीब वर्ग और जाति,की सहायता हमेशा करते रहते है।[१२]
संस्थापक[सम्पादन]
डेमोक्रेटिक माइंडस् ऑफ इंडिया(DMI)
संघर्ष[सम्पादन]
- 1. ₹1 नहीं होने के कारण रात में खाना नहीं खाए थे क्योंकि माचिस नहीं थी क्योंकि पास में पैसे नहीं थे मकान मालिक से माचिस मांगना इन्हें उचित नहीं लगा और रात में यूं ही सो गए थे । 2. ₹20 फीस लगता था आदर्श पब्लिक स्कूल में ।₹15 जमा करने पर भी काम बन जाती थी परंतु रुपए के अभाव में ₹15 समय पर झूठ नहीं पाता था तो स्कूल के टीचर वापस घर भेज देते थे फीस लेने के लिए।
- 3. स्कूल प्रतिदिन जाते थे हंड्रेड प्रतिशत अटेंडेंस रहती थी ।
- 4. बचपन के दिनों में पढ़ना, भैंस चराना, बाजार करना तथा दूध बेचना इनके पास मात्र 4 ही काम थे ।
- 5. अपनी पूरी स्कूली अवधि में एक ही कपड़ा पहन कर दो सालों तक पढ़ाई करते थे ।
- 6. एक बार सर्कल, ब्लॉक लेवल पर प्रथम पुरस्कार प्राप्त करने के बाद जिला स्तर पर जाने के लिए 4 शिक्षक इनके घर पर पहुंच गए थे कि इनको नई कपड़ा दिला दिया जाए ।
- 7. एक ही सेट कपड़े को हर सप्ताह रविवार को अपने हाथों से धुलाई करते थे ।
- 8. इनके घर पर आयरन नहीं हुआ करती थी और एक साल बीतने पर भी आयरन नहीं करवाते थे ऐसे ही कपड़े पहनते थे नार्मल ।
- 9. कभी-कभी कोई दोस्त इनको बोलता था कि दूसरा कपड़ा नहीं है हमेशा एक ही पहनते हो पर सबसे तेज से तेज तर्रार होने के कारण दोस्तों को चुप करा देते थे ।कोई फिर मुंह नहीं खोलता था ।
- 10. हमेशा से परिवार को बारीक नज़रों से देखते थे अतः माता-पिता से पैसों के लिए जिद नहीं करते थे ।
- 11. गांव पर जब रहते थे तो जमकर अमरूद ,कदम तथा गाना खाते थे ।
- 12. ₹1 खाने के लिए मिलता था तो मिठाई ना खरीदकर कलम ,कॉपी ,लेख, अंग्रेजी शब्दकोश आदि खरीदते थे
- 13. मेले में ₹10 लेकर जाते थे तो घर ढाई सौ ग्राम जलेबी खरीद कर लाते थे एक जलेबी खाकर पूरा मां को दे देते थे पूरा परिवार खाता था ।
- 14. शुरू से ही लफंगे ,बेतुकी टाइप के लड़को ,व्यक्तियों से दूर रहते हैं ।
- 15. वकील इंटरमीडिएट तक पहुंचते-पहुंचते दो सेट कपड़े मैनेज कर लिए थे ।इंटरमीडिएट तक पड़ोस की आँटी ताना मारती थी लोग एक ही कपड़ा पहनकर जिंदगी काट रहा ह,ै मेरे नाती नतुनी दिन भर में 4 बार ड्रेस बदलते हैं ।
- 16. शुरू में नर्सरी से आठवीं तक पूरा परिवार ही उन्हे सपोर्ट करता था परंतु 9वी वर्ग आते आते अचानक इनके भाभी कॊ जलन होने लगी थी क्युकी इस वक्त बहुत फ़ेमस हो चुके थे।
- 17. दसवीं क्लास तक जलन जारी रहा था ।इंटरमीडिएट में घर से बाहर जाकर पढाई करने लगे तब जाकर जलन खत्म हुयी थी ।
- 18. 10 वर्ष की उम्र मे लोगों को गाली बकते थे ।अगर इन्हें कोई थोड़ा सा भी परेशान करता था तो तुरंत गालियां बक देते थे ।
- 19. दसवीं क्लास तक नहाकर कपड़ा बदलने के लिए इनके पास तौलिया, गमछा नहीं हुआ करते थे ।साल से शरीर पोंछते थे ।
- 20, नहाने के लिए साबुन और 50 पैसे वाली शैम्पू जरूर मैनेज कर लेते थे ।
- 21. दसवीं तक दिया और लालटेन के जरिए पढ़ाई करते थे ।मिट्टी तेल नहीं रहने पर छत पर बैठकर चांद की रोशनी में भी पढ़ते थे ।बाद में कभी-कभी सोलर के नीचे सड़क के किनारे भी पढ़ते थे ।
- 22. कई बार 250 ग्राम से लेकर 500 ग्राम तक ₹40 की दर से मिट्टी तेल खरीदते थे और पढ़ते थे ।
- 23. टिफिन के समय वर्ग से निकल थे ।बीच में नहीं निकलते थे और ना ही पानी पीते थे ।यही कारण था कि इनका शरीर दुबला पतला था और कई कई बार गर्मी के दिनों में तबीयत ज्यादा खराब हो जाती थी। गर्मी के दिनों में हर साल इनकी तबीयत खराब हो जाती थी। पानी की बोतल, सुई, दवा होता था। दवा की कीमत कुछ पैसे देकर तो कुछ धान देकर चुकाया जाता था ।मगर इंटरमीडिएट आते-आते स्वास्थ्य में सुधार करने लगे फिर 4 साल बाद स्वास्थ्य इनका बहुत अच्छा हो गया था ।
- 24. पटना में ग्रेजुएशन के दौरान घर जाते थे तो दुबला-पतला देखकर इनकी मां बहुत दुख होती थी, पड़ोस वाले भी चर्चा करते थे ।फिर इन्होंने 10 महीने तक वापस घर नहीं लौटे थे । 10 महीने में पूरा मोटा ताजा होकर घर गए ।अब सभी लोग खुश ही रहते हैं ।
- 25. ट्रेन बस इत्यादि से ट्रेवलिंग करने में इनको बहुत प्रॉब्लम होती है क्योंकि ये हो-हंगामा से हमेशा दूर रहते हैं ।
- 26. नर्सरी से 7 वी वर्ग तक वर्ष जमीन पर बोरा बिछा कर पढ़ते थे। आठवीं क्लास से बेंच की सुविधा मिली थी। नौवीं और दसवीं वर्ग में भी गर्मी के दिनो मे स्कूल के प्रांगण में पेड़ के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ते थे क्यूकि पंखे नहीँ थे उस स्कूल मे ।
- 27. एक बार अँग्रेजी के शिक्षक अंग्रेजी के 10 वाक्यों को अंग्रेजी में ट्रांसलेट करने को बोले थे ।शर्त थी अगर 8 सही होगा तो एक कॉपी मिलेगी ,बस क्या था वकील ने 10का 10सही सही बनाकर दिखा दिया। फिर शिक्षक काफी खरीदकर मंगवाए और दिए।
- 28. ग्यारहवीं क्लास तक पैसे के अभाव में पेपर नहीं पड़ते थे ।12वीं क्लास में आने पर कभी-कभी अंग्रेजी पेपर सीखने के लिए खरीदते थे ।हर 15 दिन पर टाइम्स ऑफ इंडिया ,हिंदुस्तान टाइम्स, या कोई एक अंग्रेजी पेपर खरीद लेते थे ।
- 29. फ़िर सेकंड ईयर इंग्लिश ऑनर्स करने के दौरान यानी 2013 से रेगुलर 2016 तक टाइम्स ऑफ इंडिया ,हिंदुस्तान टाइम्स पढ़ा करते थे कभी-कभी द हिंदू भी ले लिया करते थे ।
- 30. 2017- 2018 में ऑनलाइन न्यूज़ पढ़ने लगे, एए न कॉलेज पटना में एक इंटरव्यू के दौरान एक मैडम ने उच्चारण के लिए तोंकि तब तक दूसरी मैडम जो एक HOD थी तुरंत बोली विद्यार्थी मेहनती हैं मैं जानती हूं ,इसी बीच डॉक्टर विजय सिंह अंग्रेजी के प्रश्न पूछने लगे ,वकील सब का जवाब देते गए, उच्चारण वाली मैडम को शर्मिंदा होना पड़ा था ।
- 31. नर्सरी से लेकर पीएचडी तक कई शिक्षकों से पढ़े हैं परंतु उनके कोचिंग के शिक्षक श्रीमान शिवजी यादव का इनपै पूरा बेजोड़ प्रभाव पड़ा है । इनके पास छठी से दसवीं तक कोचिंग करते थे ।इन 5 वर्ष की अवधि में शिवजी यादव का पढ़ाई, मोटिवेशन इन को आगे बहुत कुछ करने लायक बना दिया । आज तक उनके जीवन में शिवजी यादव का योगदान शीर्ष स्थान पर हैं ।
- 32. इंटरमीडिएट बाद स्नातक मे नामांकन कराने दिल्ली विश्वविद्यालय में गये थे ।मेरिट लिस्ट मे नाम नहीँ आया तो वापिस पटना गये थे ।रेलवे ट्रेक पार करते वक्त ट्रेन की चपेट मे आने से बाल बाल बचे थे क्युकी मन मे केवल अड्मिशन चल रही थी ट्रेन पे ध्यान.नहीँ था ।
- 33. बचपन के दिनों में बेकार के लोहे, टीन देकर आम खरीदते थे। आम एक से दो मिल जाती थी फ़िर वकील ने गुठली लगाने लगे । अब आम के पेड़ निकल आए है ।अब फल क्विंटल के क्विंटल दे रहे हैं ।फिर धीरे-धीरे कदम, अम्रुढ ,केले इत्यादि के पौधे भी लगा दिए हैं।
कटाक्ष[सम्पादन]
अभी गांव के कुछ लफुये कटाक्ष करते थे कि मैट्रिक के आगे नहीं पढ़ पाएगा। मैट्रिक बाद पढ़ाई छूट जाएगी ।कोई उसके परिवार का उसका साथ नहीं देगा । भाई भला किसी को पैसा खर्च करके आज तक पढ़ाया है समाज में? उसके भाई उसे भला क्यु पढायेंगे ? उसके पिताजी किसान है पैसा कहां से मिलेगा उसको की पढ़ेगा ? एक व्यक्ति ने कहा बाबू ज्यादा मत पढ़ो ज्यादा पढ़ने से आदमी पागल हो जाता है । एक अलग लफंगा ने कहा उसके जैसा पढ़ाकू बहुत लोग हैं हिंदुस्तान में, कुछ नहीं करेगा ,वह केवल पैसा बर्बाद कर रहा है । कुछ लफूआ इंटरमीडिएट परिणाम को कंप्यूटर से बदलकर गलत तरीके से सिंपल फर्स्ट डीविजन दिखाते थे । मार्क्स की जेरोक्स की कॉपी बांटने का काम करते थे । एक दूसरे ने कहा किसान का बेटा किसान बनता है ,नेता का वेटा नेता और आईएस का बेटा IAS । उसका बाप किसान है वो किसान ही बनेगा ।घर का आधा परिवार आईएस बनाने के सपोर्ट में थे तो आधा परिवार कोई भी जॉब पकड़वाने के फिराक में थे । गांव के लड़के अपने पैसे से शराब गाँजा ,दारू , तारी पीने का ऑफर देते थे ताकि बुरी लतों में फंसाकर पीछे धकेला जा सके।[१३]
लेखन शैली[सम्पादन]
- वे लगभग सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में लिखते हैं जैसे अकादमिक, फिक्शन, नॉनफिक्शन, ड्रामा ,कॉमेडी, कामुक ,स्टेटमेंट ,निबंध आदि।
- उनकी उपन्यास और गैर- उपन्यास आम आदमी की दयनीय स्थितियों और उनकी स्थितियों में सुधार की आवश्यकता के बारे में जागरूकता का विवरण है।
- उनकी लघु कथाएँ प्रकृति में आत्मकथा पर आधारित है।
- उन्होंने बहादुरी और साहसपूर्वक समाज और समुदाय में मौजूद जहर एवम कुरीतियोंपर प्रकाश डाला है।
- यहां तक कि उनकी कलम अपने धर्म के मिथक एवम कुंठित विचारों, अन्य धर्म के खराब रीति-रिवाजों और प्रथाओं की आलोचना करता है ,जैसे देवदासी प्रणाली, बाल विवाह, जातिवाद, हलाला जो कि मानवता के खिलाफ है।
- इस प्रकार वे मुल्क राज आनंद, आर के नारायण, प्रेमचंद्र, कमला दास आदि जैसे राइटर्स की श्रेणी में आ गए है।
बाहरी कड़ियां[सम्पादन]
[१]
ग्रन्थसूची[सम्पादन]
- Waiting for Smile(English Novella,2019)
- A collection of Short Stories,कहानी-संग्रह (Hindi Edition,2019)
- Diamond General Studies,डायमंड सामान्य अध्ययन(Hindi,2019)
- Helpless Mother(English Novella,2019)
- वकु-नीति(Hindi,philosophy,2019)
- लड़की पटाये और गर्लफ्रेंड बनाये कैसे?(Hindi Edition,2019)
- Diamond English Grammar(English,2018)
- RRB GROUP D GK/GS: A COMPLETE GK/GS SOLUTION FOR SURE SUCCESS(English,2018)
- HOW TO PREPARE UP PCS(English,2018)
- R.P.F/R.P.S.F POPULAR GUIDE(English,2018 )
- ANSWER WRITING SKILL: FOR SCORING MORE IN ACADEMIC EXAMINATIONS(English,2018)
- MODERN QUOTATIONS: INSPIRATIONAL THOUGHTS FOR BUILDING THE LIFE(English,2018)
- किसी भी परीक्षा मे सफलता कैसे पायें ? (Hindi Edition,2018)
- Royal English Grammar(English,2018)
- How to Write Synopsis, Thesis & Dissertation (English,2019)
- बेडरानी (व्यस्क कहानियों का संग्रह, Hindi Edition 2019 )
- टू सोल्स ऑफ दी सिटी (संक्षिप्त उपन्यास 2019)
- Popular Spoken Words Kit ( English Edition 2019)
- Short Essays for Children ( English Edition 2019)
- वकु-शब्द (हिंदी कविताओं का संग्रह2019 )
- वकु-वर्ड (अंग्रेजी कविताओं का संग्रह 2019 )
- झुकी पलकें (हिंदी उपन्यास 2019)
- Bihar Judiciary syllabus ( English Edition 2019)
- Bihar sub-inspector syllabus ( English Edition 2019)
- SSC CGL Syllabus ( English Edition 2019)
- Railway NTPC Syllabus ( English Edition 2019)
- IBPS SYLLABUS ( English Edition, 2019)
- द प्रिंस THE PRINCE (Hindi Edition, 2019)
संदर्भ[सम्पादन]
- ↑ http://theinkk.com/%E0%A4%AF%E0%A4%82%E0%A4%97-%E0%A4%85%E0%A4%A5%E0%A4%B0-%E0%A4%B5%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%B2-%E0%A4%A6%E0%A5%8D%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%BE-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A4%BF%E0%A4%A4/
- ↑ http://theinkk.com/%E0%A4%95%E0%A4%AD%E0%A5%80-%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%AB%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%A5%E0%A5%87-%E0%A4%AE/
- ↑ http://blog.bluehillpublications.in/wakil-kumar-yadav-an-exclusive-interview-with-the-author-of-diamond-english-grammar/
- ↑ https://isbnsearch.org/isbn/9781981012923
- ↑ https://www.amazon.in/%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A5%80-
- %E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%B9-Hindi-Wakil-Kumar-ebook/dp/B07NBJK6SX/ref=sr_1_fkmr0_1?ie=UTF8&qid=1549377909&sr=8-1-
- fkmr0&keywords=kahani+sangrah+by+wakil+kumar+yadav
- ↑ https://www.amazon.in/WAKIL-KUMAR-YADAV/e/B07C3ZCD3V
- ↑ https://notionpress.com/read/waiting-for-smile
- ↑ https://notionpress.com/read/1323668
- ↑ https://isbnsearch.org/isbn/9781797098746
- ↑ http://bluehillpublications.in/royal-english-grammar-by-wakil-kumar-yadav/
- ↑ https://www.newsbugz.com/wakil-kumar-yadav-wiki-biography-age-books-awards/
- ↑ http://theinkk.com/mu-%E0%A4%95%E0%A5%8B-jnu-du-bhu-%E0%A4%9C%E0%A5%88%E0%A4%B8%E0%A4%BE-%E0%A4%B2%E0%A5%8B%E0%A4%95%E0%A4%AA%E0%A5%8D%E0%A4%B0%E0%A4%BF%E0%A4%AF-%E0%A4%AC%E0%A4%A8%E0%A4%BE%E0%A4%A8%E0%A4%BE-%E0%A4%9A/
- ↑ http://theinkk.com/%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%82%E0%A4%B5-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%B5%E0%A4%95%E0%A5%80%E0%A4%B2-%E0%A4%A8%E0%A5%87-%E0%A4%B2%E0%A4%BF%E0%A4%96%E0%A5%80-%E0%A4%85%E0%A4%82%E0%A4%97%E0%A5%8D%E0%A4%B0/?fbclid=IwAR13WSVQ9dDW2jkrPXw3klvTcTfrjIhtKR0vB3qzF3ooweXhbLr5CWpaEbA