You can edit almost every page by Creating an account. Otherwise, see the FAQ.

षडबल

EverybodyWiki Bios & Wiki से
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

षडबल ज्योतिष का वह भाग है, जो किसी ग्रह की 6 प्रकार की शक्तियों को व्यक्त करता है। एक ग्रह अपनी स्थिति, दूसरे ग्रहों कि दृष्टि, दिशा, समय, गति आदि के द्वारा बल प्राप्त करता है। षडबल कि गणना में राहू- केतु के अतिरिक्त अन्य सात ग्रहों की शक्तियों का आकलन किया जाता है। षडबल में अधिक अंक प्राप्त करने वाला ग्रह बली होकर अपनी दशा- अन्तर्दशा में अपने पूरे फल देता है। इसके विपरीत षडबल में कमजोर ग्रह अपने पूरे फल देने में असमर्थ होता है।

षडबल में ग्रहों के छ: प्रकार के बल निकाले जाते हैं।

स्थान बल- स्थानीय बल /शक्ति देता है।

दिगबल - दिशा बल / शक्ति बताता है।

काल बल - समय की शक्ति का निर्धारण करता है।

चेष्टा बल - गतिशील बल है।

नैसर्गिक बल - प्राकृ्तिक बल प्रदान करता है।

दृष्टि बल - दृष्टि बल की व्याख्या करता है।

षडबल निकालने के लाभ[सम्पादन]

1. षडबल के आधार पर घटनाओं का फलित करने से भविष्यवाणियों में सटिकता और दृढता आती है। तथा इससे त्रुटि होने कि संभावनाओं में भी कमी होती है।

2. ग्रहों के बल का आकंलन करने के बाद यह सरलता से निश्चित किया जा सकता है कि अमुक व्यक्ति की कुण्डली का विश्लेषण करने के लिते लग्न, चन्द्र, सूर्य तीनों में से किसे आधार बनाया जायें. फलित में इन तीनों में से जो बली हो, उसे ही फलित के लिये प्रयोग करने के विषय में मान्यता है।

3. पिण्डायु या अंशायु विधि से आयु की गणना करना सरल हो जाता है। क्योंकि इन विधियों में आयु गणना करने के लिये जो आंकडे चाहिये होते हैं। वे उपलब्ध हो जाते हैं।

4. महादशा और अन्तर्दशा के आधार पर फलित करना सरल हो जाता है। क्योंकि जो ग्रह षडबल में बली हों, वह दशा - अन्तर्दशा में अवश्य फल देता है। ये फल शुभ या अशुभ हो सकते हैं।


This article "षडबल" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:षडबल.



Read or create/edit this page in another language[सम्पादन]