You can edit almost every page by Creating an account. Otherwise, see the FAQ.

सिंह-सिद्धांत-सिन्धु

EverybodyWiki Bios & Wiki से
यहाँ जाएँ:नेविगेशन, खोजें

सिंह-सिद्धांत-सिन्धु तंत्र-मंत्र, साहित्य, काव्यशास्त्र, आयुर्वेद, सम्प्रदाय-ज्ञान, वेद-वेदांग, कर्मकांड, धर्मशास्त्र, खगोलशास्त्र-ज्योतिष, होरा शास्त्र, व्याकरण आदि अनेक विषयों के जाने-माने विद्वान शिवानन्द गोस्वामी | शिरोमणि भट्ट (अनुमानित काल : संवत् १७१०-१७९७) द्वारा वि॰सं॰ १७३१ में रचित संस्कृत महाग्रन्थ है। यह विपुल कृति सन १६७४ ई. में पूरी हुई। यह महाग्रंथ संस्कृत काव्य, तंत्रशास्त्र, मंत्रशास्त्र, न्याय, निगम, मीमांसा, सूत्र, आचार, ज्योतिष, वेद-वेदांग, व्याकरण, औषधिशास्त्र, यज्ञ-विधि, कर्मकांड, धर्मशास्त्र- जाने कितनी विधाओं और विद्याओं का विश्वकोश (एनसाइक्लोपीडिया) है।

यह ऐसी कालजयी रचना है जिसका अपने समकालीन संस्कृत-ग्रंथों में कोई सानी नहीं है। इस ग्रन्थ में लिखे गए श्लोकों की संख्या अविश्वसनीय हद तक बड़ी है। 'इसमेंमें कुल ३५,१३० संस्कृत श्लोक हैं।[१]श्रीमद्भागवत महापुराण के बाद संभवतया यह अपनी तरह का सबसे बड़ा ग्रन्थ है। यह कृति अनूप संस्कृत लाइब्रेरी, बीकानेर में पाण्डुलिपि की प्रति होने के बावजूद विद्वानों की दृष्टि से अनेक वर्षों तक लुप्तप्राय रही, पर अब जोधपुर के प्राच्य-विद्या-प्रतिष्ठान ने कई खण्डों में प्रकाशित की है। इस महाग्रंथ को पांच खण्डों में प्रकाशित किये जाने का निर्णय हुआ है जिसमें से दो आरंभिक खंड प्राच्य विद्या प्रतिष्ठान ने प्रकाशित किये है, तीसरा खंड एग्ज़ोटिक आर्ट इण्डिया [२] ने संकलित किया है |

सन्दर्भ[सम्पादन]

बाहरी कड़ियाँ[सम्पादन]

This article "सिंह-सिद्धांत-सिन्धु" is from Wikipedia. The list of its authors can be seen in its historical and/or the page Edithistory:सिंह-सिद्धांत-सिन्धु.



Read or create/edit this page in another language[सम्पादन]