हरफूल जाट
हरफूल जाट एक महान क्रान्तिकारी गौभक्त थे।
जीवन परिचय[सम्पादन]
गौ रक्षक हरफूल जाट का जन्म श्योराण गोत्र के जाट श्री चतुर राम के घर 1892 को हुआ उनका परिवार लोहारू के बरवास गाँव के इन्द्रयान पाने में हुआ बाद में इनका परिवार जींद जिले के जुलानी गाँव में बस गया। हरफूल के पिता का बचपन में ही निधन हो गया।
गौ रक्षा आन्दोलन[सम्पादन]
हरफूल जाट ने सैकड़ों बूचड़ खाने नष्ट किये जहाँ गौ हत्या होती थी। टोहाना के मुस्लिम राजपूत और मुस्लिम कसाई गौ हत्या के लिए कुख्यात थे। उस समय नैण खाप ने बहुत कोशिश की। पर उनको नष्ट करने में नैण खाप को सफलता हाथ नहीं लग रही थी। ऐसे समय में बहादुर हरफूल ने टोहाना के कई गाय तस्कर मुस्लिमोंं की हत्याऐं कर दींं और साथ ही जींद, नरवाना, रोहतक के गौ बूचड़खाने भी नष्ट कर दिए। उसके इस बहादुरी भरे कारनामे से खुश हो के नैण खाप ने उनको सवा शेर की उपाधि से नवाज़ा।[१][२]
बलिदान[सम्पादन]
जब अंग्रेज़ो ने हरफूल पर इनाम रख दिया जब हरफूल अपनी बहन के सुसराल झुंझनू राजस्थान के पचेरी कलां(बुहाना) में रुके हुए थे तब एक राजपूत ने पुलिस को सूचना दे दी। अंग्रेजी पुलिस ने हरफूल को 1936 में फिरोज़पुर में फ़ासी दे दी ऐसे एक वीर अध्याय का अंत हुआ।
सन्दर्भ[सम्पादन]
- ↑ http://www.sudarshannews.com/category/religion/balidan-diwas-of-harful-jat-hariyana-gau-rakshak--4414
- ↑ "सबसे बड़े गोरक्षक थे हरफूल जाट जुलानी वाले : आर्य". www.bhaskar.com. https://www.bhaskar.com/harayana/jind/news/HAR-OTH-MAT-latest-jind-news-034502-289139-NOR.html. अभिगमन तिथि: 1 September 2018.
बाहरी कड़ीयाँ[सम्पादन]
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