हिन्दी प्रचारक शताब्दी सम्मान
वाराणसी में सन् 1905 में स्थापित हिन्दी प्रचारक परिवार के संस्थापक, निस्पृह समाजसेवी, साहित्यानुरागी एवं सुप्रसिद्ध लेखक श्री निहालचन्द बेरी तथा उनके यशस्वी पुत्र व हिन्दी प्रकाशन जगत के पुरोधा श्री कृष्णचन्द्र बेरी की पावन स्मृति में हिन्दी प्रचारक शताब्दी सम्मान की स्थापना की गयी थी। इस पुरस्कार के रूप में सम्मानित साहित्यकारों को श्रीफल, शाल, उत्तरीय, श्रीनाथ जी का प्रसाद, श्रीनाथजी का चित्र, अभिनन्दन एवं सम्मान-पत्र सहित ग्यारह हजार की राशि भेंट की जाती है।
हिन्दी प्रचारक पब्लिकेशन प्रा.लि. द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति अनुसार वर्ष 2009 का हिन्दी प्रचारक शताब्दी सम्मान हिन्दी के प्रख्यात उपन्यासकार, विचारक एवं चिंतक डा. युगेश्वर एवं ख्यातलब्ध भाषाविद्, कोशकार तथा वैयाकरण डा. बदरीनाथ कपूर को 14 सितम्बर को श्रीनाथद्वारा में आयोजित साहित्य मण्डल के एक भव्य समारोह में प्रदान किया गया। उक्त पुरस्कार उन्हें साहित्य मण्डल, श्रीनाथद्वारा के अध्यक्ष श्री नरहरि ठाकर (प्रभु श्रीनाथजी के बड़े मुखिया) तथा प्रधानमंत्री एवं हिन्दी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग के अध्यक्ष श्री भगवती प्रसाद देवपुरा के संरक्षण में प्रदान किया़
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