राव फतुआ गूजर
राव फतुआ गुर्जर | |
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चित्र:Rao Fatuwa Gujjar 1857.jpg | |
जन्म | गंगोह, सहारनपुर उ.प्र |
मृत्यु |
27 मई 1857 सहारनपुर |
व्यवसाय | 1857 मे गंगोह के क्रान्तिकारी नेता |
प्रसिद्धि कारण | भारतीय स्वतन्त्रता सेनानी |
धार्मिक मान्यता | मुश्लिम |
राव फतुआ गुर्जर अथवा राव फतुवा गुर्जर सहारनपुर के गंगोह क़स्बे के बड़े जमींदार थे। फतुआ गुर्जर ने गंगोह क़स्बे से अंग्रेज़ी राज़ ख़त्म कर दिया था और लगभग आधे सहारनपुर को अंग्रेजमुक्त कर दिया था।[१]
गंगोह कस्बें में उनकी वीरता के किस्से आज भी लोगों की ज़ुबान पर प्रचलित हैं। राव फतुआ एक वीर,साहसी और ख़ुद्दार जमींदार थे जिन्होंने गुलामी को सदा ही उतार फेंकने का प्रयास किया और फिर एक दिन यह शुभ अवसर भी 10 मई,1857 में आ गया जब मेरठ से कोतवाल धन सिंह गुर्जर ने क्रांति का शंखनाद किया और फिर क्रान्तिकारियो की टोलियों ने कम्पनी राज की ईंट से ईंट बजा दी।[२] राव फतुआ गुर्जर सहारनपुर में राजा उमराव सिंह माणकपुरिया तथा राजा फतेह सिंह गुर्जर के साथ क्रांतिकारियों की अगुवाई कर रहे थे। गंगोह की जनता ने फतुवा गुर्जर को अपना नेता बना कर इस क्षेत्र में भारी उपद्रव व अशान्ति पैदा कर दी थी।[३] नुकड़ तहसील, थाणा, मंगलौर में भी वही हाल, सरसावा पर भी अधिकार सहारनपुर के सुरक्षा अधिकारी स्पनकी तथा रार्बटसन के साथ राजा उमराव सिंह मणिकुरी के नेतृत्व में डटकर टक्कर हुई।[४]
मृत्यू[सम्पादन]
इन अंग्रेंज अधिकारियों ने गुर्जरों का दमन करने के लिए सेना का प्रयोग किया । गांवों पर बाकायदा तैयारी कर के सेना, स्पनकी और राबर्टसन के नेतृत्व में चढ़ाई करती थी, लेकिन भारतीयो ने हौंसले से टक्कर ली उपरोक्त जिन गांवों का विशेषकर जिक्र किया है उनके जवाबी हमले भी होते रहे । आधुकिनतम हथियारों से लैस अंग्रेंजी सेना व उनके पिटू भारतीय सेना ने इन गांवों को जलाकर राख कर दिया, इनकी जमीन जायदाद जब्त की गई । माणिकपुर के राजा उमराव सिंह, फतेह सिंह और गंगोह के फतुआ गुर्जर तथा इनके प्रमुख साथियों को फांसी दी गई और अनेक क्रान्तिकारियो को गांवों में ही गोली से उड़ा दिया गया और अनेको को वृक्षों पर फांसी का फन्दा डालकर लटका दिया गया। [१]
इन्हे भी देखे[सम्पादन]
- १८५७ का प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम
- हिंडन का महायुध्द
- धन सिंह गुर्जर
- राव उमराव सिंह भाटी
- राव कदमसिंह गुजर
- आशादेवी गुजरी
- दयाराम खारी
- सुबा देवहंस कषाणा
- क्रांतिवीर झंडू सिंह नम्बरदार
- राजा उमराव सिंह माणकपुरिया
- राजा फतेह सिंह गुजर
संदर्भ[सम्पादन]
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- ↑ १.० १.१ विघ्नेष त्यागी, मेरठ के ऐतिहासिक क्रान्ति स्थल और घटनाएं (लेख), दैनिक जागरण, मेरठ, दिनांक 5 मई 2007.
- ↑ ई0 बी0 जोशी, मेरठ डिस्ट्रिक्ट गजेटेयर, गवर्नमेन्ट प्रेस, 1963, पृष्ठ संख्या 53.
- ↑ उमेश त्यागी, 1857 की महाक्रान्ति में गाजियाबाद जनपद (लेख), दी जर्नल आफ मेरठ यूर्निवर्सिटी हिस्ट्री एलमनी, खण्ड 2006, पृष्ठ संख्या 311.
- ↑ जनइतिहास, 1857 की क्रान्ति, डाँ सुशिल भाटी.